" बड़े भाई साहब - प्ऱेमचंद " _________________________________________________________________________________ ॉँ सार फडे थे, रेकिन तीन दयजे आगे। उन ्होने बी उसी उम्र भें ऩढना शुरू किमा था जफ भैने भेये बाई साहफ भुझसे ऩ च शरू ु किमा; रेकिन तारीभ जैसे भहत ्व िे भाभरे भें वह जर ्दीफाजी से िाभ रेना ऩसॊद न ियते थे। इस बवन कि
फुननमाद खफ ू भजफूत डारना चाहते थे जजस ऩय आरीशान भहर फन सिे। एि सार िा िाभ दो सार भें ियते थे। िबी-िबी तीन सार बी रग जाते थे। फुननमाद ही ऩुख ्ता न हो, तो भिान िैसे ऩाएदाय फने। भैं छोटा था, वह फडे थे। भेयी उम्र नौ सार कि,वह चौदह सार िे थे।
उन ्हें भेयी तभ ्फीह औय ननगयानी िा ऩूया
जन ्भससद्ध अधधिाय था। औय भेयी शारीनता इसी भें थी कि उनिे हुि्भ िो िानून सभझॉ ।ू वह स ्वबाव से फडे अघ ्ममनशीर थे। हयदभ किताफ खोरे फैठे यहते औय शामद ददभाग िो आयाभ दे ने िे सरए िबी िाऩी ऩय, िबी किताफ िे हासशमों ऩय धचडडमों, िुत ्तों, फजलरमो िी तस ्वीयें फनामा ियते थें। िबी-िबी एि ही नाभ मा शफ ्द मा वाि् म दस-फीस फाय सरख डारते। िबी एि शेय िो फाय-फाय सुन ्दय अऺय से निर ियते। िबी ऐसी शफ ्द-यचना
ियते, जजसभें न िोई अथथ होता, न िोई साभॊजस ्म! भसरन एि फाय उनिी िाऩी ऩय भैने मह इफायत दे खी-स ्ऩेशर, अभीना, बाइमों-बाइमों, दय-असर, बाई-बाई, याघेश ्माभ, श्रीमुत याघेश ्माभ, एि घॊटे ति—इसिे फाद एि आदभी िा
चेहया फना हुआ था। भैंने चेष ्टा िी कि इस ऩहे री िा िोई अथथ ननिारॉ ू; रेकिन असपर यहा औय उसने ऩछ ू ने िा साहस न हुआ। वह नवी जभात भें थे, भैं ऩाॉचवी भें । उनकि यचनाओ िो सभझना भेये सरए छोटा भुॊह फडी फात थी। भेया जी ऩढने भें बफरिुर न रगता था। ननिरिय भैदान भें आ जाता औय िबी
एि घॊटा बी किताफ रेिय फैठना ऩहाड़ था। भौिा ऩाते ही होस ्टर से
िॊिरयमाॊ उछारता, िबी िागज कि नततसरमाॉ उडाता, औय िहीॊ िोई
साथी सभर गमा तो ऩूछना ही ि् मा िबी चायदीवायी ऩय चढिय नीचे िूद यहे है , िबी पाटि ऩय वाय, उसे आगे-ऩीछे
चराते हुए भोटयिाय िा आनॊद उठा यहे है । रेकिन िभये भें आते ही बाई साहफ िा यौद्र रूऩ दे खिय प्राण सख ू जाते। उनिा ऩहरा सवार होता-―िहाॊ थें ?― हभेशा मही सवार, इसी घ ्वनन भें ऩूछा जाता था औय इसिा जवाफ भेये ऩास िेवर
भौन था। न जाने भुॊह से मह फात ि् मों न ननिरती कि जया फाहय खेर यहा था। भेया भौन िह दे ता था कि भुझे अऩना अऩयाध स ्वीिाय है औय बाई साहफ िे सरए इसिे ससवा औय िोई इराज न था कि योष से सभरे हुए शफ ्दों भें भेया सत ्िाय ियें । ―इस तयह अॊग्रेजी ऩढोगे, तो जजन ्दगी-बय ऩढते यहोगे औय एि हपथ न आएगा।
अॉगये जी ऩढना िोई हॊ सी-खेर नही है
कि जो चाहे ऩढ रे, नही, ऐया-गैया नत ्थू-खैया सबी अॊगये जी कि ववद्धान हो जाते। महाॊ यात-ददन आॊखे पोडनी ऩडती है औय खन ू जराना ऩडता है , जफ िही मह ववधा आती है । औय आती ि् मा है , हाॊ, िहने िो आ जाती है । फडे-फडे ववद्धान बी शुद्ध
अॊगये जी नही सरख सिते, फोरना तो दयु यहा। औय भैं िहता हूॊ, तुभ कितने घोंघा हो कि भुझे दे खिय बी सफि नही रेते। भैं कितनी भेहनत ियता हूॊ, तुभ अऩनी आॊखो दे खते हो, अगय नही दे खते, जो मह तुभ ्हायी आॊखो िा िसयू है , तभ ु ्हायी फद् ु धध िा िसयू है । इतने भेरे-तभाशे होते है , भझ ु े तभ ु ने िबी दे खने जाते दे खा है , योज ही कििेट औय हािी भैच होते हैं। भैं ऩास
नही पटिता। हभेशा ऩढता यहा हूॊ, उस ऩय बी एि-एि दयजे भें दो-दो, तीन-तीन सार ऩडा यहता हूॊ कपय तुभ िैसे आशा ियते हो कि तुभ मों खेर-िुद भें वि् त गॊवािय ऩास हो जाओगे? भुझे तो दो-ही-तीन सार रगते हैं, तुभ उम्र-बय इसी दयजे भें ऩडे सडते यहोगे। अगय तुभ ्हे इस तयह उम्र गॊवानी है , तो फॊहतय है , घय चरे जाओ औय भजे से गुर ्री-डॊडा खेरो। दादा िी गाढी िभाई िे रूऩमे ि् मो फयफाद ियते हो?‖ भैं मह रताड़ सन ु िय आॊसू फहाने रगता। जवाफ ही ि् मा था।
अऩयाध तो भैंने किमा, रताड िौन सहे ? बाई साहफ
उऩदे श कि िरा भें ननऩुण थे। ऐसी-ऐसी रगती फातें िहते, ऐसे-ऐसे सूि्नत-फाण चराते कि भेये जजगय िे टुिडे-टुिडे हो जाते औय दहभ ्भत छूट जाती। इस तयह जान तोडिय भेहनत ियने कि शि् नत भैं अऩने भें न ऩाता था औय उस
ननयाशा भे जया दे य िे सरए भैं सोचने रगता-ि् मों न घय चरा जाऊॉ। जो िाभ भेये फूते िे फाहय है , उसभे हाथ डारिय
ि् मो अऩनी जजन ्दगी खयाफ िरूॊ। भझ ु े अऩना भख ू थ यहना भॊजयू था; रेकिन उतनी भेहनत से भझ ु े तो चि् िय आ जाता था। रेकिन घॊटे–दो घॊटे फाद ननयाशा िे फादर पट जाते औय भैं इयादा ियता कि आगे से खफ ू जी रगािय ऩढूॊगा। चटऩट एि टाइभ-टे बफर फना डारता। बफना ऩहरे से नि् शा फनाए, बफना िोई स ्किभ तैमाय किए िाभ िैसे शुरूॊ िरूॊ?
टाइभ-टे बफर भें , खेर-िूद कि भद बफरिुर उड जाती। प्रात:िार उठना, छ: फजे भुॊह-हाथ धो, नाश ्ता िय ऩढने फैठ
जाना। छ: से आठ ति अॊग्रेजी, आठ से नौ ति दहसाफ, नौ से साढे नौ ति इनतहास, कपय बोजन औय स ्िूर। साढे
तीन फजे स ्िूर से वाऩस होिय आधा घॊण ्टा आयाभ, चाय से ऩाॊच ति बग ू ोर, ऩाॊच से छ: ति ग्राभय, आघा घॊटा होस ्टर
िे साभने टहरना, साढे छ: से सात ति अॊग्रेजी िभ ्ऩोजीशन, कपय बोजन ियिे आठ से नौ ति अनुवाद, नौ से दस ति दहन ्दी, दस से ग ्मायह ति ववववध ववषम, कपय ववश्राभ।
भगय टाइभ-टे बफर फना रेना एि फात है , उस ऩय अभर ियना दस ू यी फात। ऩहरे ही ददन से उसिी अवहे रना शुरू हो
जाती। भैदान िी वह सुखद हरयमारी, हवा िे वह हरिे-हरिे झोिे, पुटफार िी उछर-िूद, िफड्डी िे वह दाॊव-घात, वारी-फार िी वह तेजी औय पुयती भझ ु े अऻात औय अननवाथम रूऩ से खीच रे जाती औय वहाॊ जाते ही भैं सफ िुछ बर ू
जाता। वह जान-रेवा टाइभ-टे बफर, वह आॊखपोड ऩुस ्तिे किसी कि माद न यहती, औय कपय बाई साहफ िो नसीहत औय पजीहत िा अवसय सभर जाता। भैं उनिे सामे से बागता, उनिी आॊखो से दयू यहने कि चेष ्टा ियता। िभये भे इस तयह
दफे ऩाॊव आता कि उन ्हे खफय न हो। उनकि नजय भेयी ओय उठी औय भेये प्राण ननिरे। हभेशा ससय ऩय नॊगी तरवाय-सी रटिती भारूभ होती। कपय बी जैसे भौत औय ववऩत ्नत िे फीच भे बी आदभी भोह औय भामा िे फॊधन भें जिडा यहता है , भैं पटिाय औय घड ु किमाॊ खािय बी खेर-िूद िा नतयस ्िाय न िय सिता।
साराना इभ ्तहान हुआ। बाई साहफ पेर हो गए, भैं ऩास हो गमा औय दयजे भें प्रथभ आमा। भेये औय उनिे फीच िेवर दो सार िा अन ्तय यह गमा। जी भें आमा, बाई साहफ िो आडें हाथो रॉ — ू आऩिी वह घोय तऩस ्मा िहाॉ गई? भुझे
दे खखए, भजे से खेरता बी यहा औय दयजे भें अव ्वर बी हूॊ। रेकिन वह इतने द:ु खी औय उदास थे कि भुझे उनसे ददर ्री हभददी हुई औय उनिे घाव ऩय नभि नछडिने िा ववचाय ही रज ्जास ्ऩद जान ऩडा। हाॊ, अफ भुझे अऩने ऊऩय िुछ असबभान हुआ औय आत ्भासबभान बी फढा बाई साहफ िा वहयोफ भझ ु ऩय न यहा। आजादी से खेर–िूद भें शयीि होने रगा। ददर भजफूत था। अगय उन ्होने कपय भेयी पजीहत िी, तो साप िह दॉ ग ू ा—आऩने अऩना खन ू जरािय िौन-सा
तीय भाय सरमा। भैं तो खेरते-िूदते दयजे भें अव ्वर आ गमा। जफावसेमह हे िडी जताने िासाहस न होने ऩय बी भेये यॊ ग-ढॊ ग से साप जादहय होता था कि बाई साहफ िा वह आतॊि अफ भुझ ऩय नहीॊ है । बाई साहफ ने इसे बाॉऩ सरमा-उनिी
ससहसत फुद्धध फडी तीव्र थी औय एि ददन जफ भै बोय िा साया सभम गुर ्री-डॊडे कि बें ट ियिे ठीि बोजन िे सभम रौटा, तो बाई साइफ ने भानो तरवाय खीच री औय भझ ु ऩय टूट ऩडे-दे खता हूॊ, इस सार ऩास हो गए औय दयजे भें अव ्वर आ गए, तो तुभ ्हे ददभाग हो गमा है ; भगय बाईजान, घभॊड तो फडे-फडे िा नही यहा, तुभ ्हायी ि् मा हस ्ती है ,
इनतहास भें यावण िा हार तो ऩढा ही होगा। उसिे चरयत्र से तुभने िौन-सा उऩदे श सरमा? मा मो ही ऩढ गए? भहज
इभ ्तहान ऩास िय रेना िोई चीज नही, असर चीज है फुद्धध िा वविास। जो िुछ ऩढो, उसिा असबप्राम सभझो। यावण बूभॊडर िा स ्वाभी था। ऐसे याजो िो चिवती िहते है । आजिर अॊगये जो िे याज ्म िा ववस ्ताय फहुत फढा हुआ है , ऩय इन ्हे चिवती नहीॊ िह सिते। सॊसाय भें अनेिो याष ्ट़्र अॉगये जों िा आधधऩत ्म स ्वीिाय नहीॊ ियते। बफरिुर स ्वाधीन हैं। यावण चिवती याजा था। सॊसाय िे सबी भहीऩ उसे िय दे ते थे। फडे-फडे दे वता उसिी गुराभी ियते थे। आग औय ऩानी िे दे वता बी उसिे दास थे; भगय उसिा अॊत ि् मा हुआ, घभॊड ने उसिा नाभ-ननशान ति सभटा ददमा, िोई उसे एि धचर ्रू ऩानी दे नेवारा बी न फचा। आदभी जो िुिभथ चाहे ियें ; ऩय असबभान न िये , इतयाए नही। असबभान किमा औय दीन-दनु नमा से गमा।
शैतान िा हार बी ऩढा ही होगा। उसे मह अनभ ु ान हुआ था कि ईश ्वय िा उससे फढिय सच ्चा बि् त िोई है ही नहीॊ। अन ्त भें मह हुआ कि स ्वगथ से नयि भें ढिेर ददमा गमा। शाहे रूभ ने बी एि फाय अहॊ िाय किमा था। बीख भाॊग-भाॊगिय
भय गमा। तुभने तो अबी िेवर एि दयजा ऩास किमा है औय अबी से तुभ ्हाया ससय कपय गमा, तफ तो तुभ आगे फढ
चि ु े । मह सभझ रो कि तभ ु अऩनी भेहनत से नही ऩास हुए, अन ्धे िे हाथ फटे य रग गई। भगय फटे य िेवर एि फाय हाथ रग सिती है , फाय-फाय नहीॊ। िबी-िबी गुर ्री-डॊडे भें बी अॊधा चोट ननशाना ऩड़ जाता है । उससे िोई सपर खखराड़ी नहीॊ हो जाता। सपर खखराड़ी वह है , जजसिा िोई ननशान खारी न जाए।
भेये पेर होने ऩय न जाओ। भेये दयजे भें आओगे, तो दाॉतो ऩसीना आमगा। जफ अरजफया औय जाभें ट्री िे रोहे िे चने चफाने ऩड़ेंगे औय इॊगसरस ्तान िा इनतहास ऩढना ऩड़ेंगा! फादशाहों िे नाभ माद यखना आसान नहीॊ। आठ-आठ हे नयी िो गज ु ये है िौन-सा िाॊड किस हे नयी िे सभम हुआ, ि् मा मह माद िय रेना आसान सभझते हो? हे नयी सातवें िी जगह हे नयी आठवाॊ सरखा औय सफ नभ ्फय गामफ! सपाचट। ससपथ बी न सभरगा, ससपय बी! हो किस ख ्मार भें ! दयजनो तो
जेभ ्स हुए हैं, दयजनो ववसरमभ, िोडडमों चारस ्थ ददभाग चि् िय खाने रगता है । आॊधी योग हो जाता है । इन अबागो िो नाभ बी न जुडते थे। एि ही नाभ िे ऩीछे दोमभ, तेमभ, चहायभ, ऩॊचभ नगाते चरे गए। भुछसे ऩूछते, तो दस राख नाभ फता दे ता।
औय जाभेट्री तो फस खद ु ा िी ऩनाह! अ फ ज िी जगह अ ज फ सरख ददमा औय साये नभ ्फय िट गए। िोई इन ननदथ मी भुभतदहनों से नहीॊ ऩूछता कि आखखय अ फ ज औय अ ज फ
भें ि् मा पिथ है औय व ्मथथिी फात िे सरए ि् मो छात्रो
िा खन ू ियते हो दार-बात-योटी खामी मा बात-दार-योटी खामी, इसभें ि् मा यखा है ; भगय इन ऩयीऺिो िो ि् मा ऩयवाह! वह तो वही दे खते है , जो ऩुस ्ति भें सरखा है । चाहते हैं कि रडिे अऺय-अऺय यट डारे। औय इसी यटॊ त िा नाभ सशऺा यख छोडा है औय आखखय इन फे-ससय-ऩैय िी फातो िे ऩढने से ि् मा पामदा?
इस ये खा ऩय वह रभ ्फ धगया दो, तो आधाय रभ ्फ से दग ु ना होगा। ऩनू छए, इससे प्रमोजन? दग ु ना नही, चौगन ु ा हो जाए, मा आधा ही यहे , भेयी फरा से, रेकिन ऩयीऺा भें ऩास होना है , तो मह सफ खयु ापात माद ियनी ऩड़ेगी। िह ददमा-―सभम िी ऩाफॊदी‖ ऩय एि ननफन ्ध सरखो, जो चाय ऩन ्नो से िभ न हो। अफ आऩ िाऩी साभने खोरे, िरभ हाथ भें सरमे, उसिे नाभ िो योइए।
िौन नहीॊ जानता कि सभम िी ऩाफन ्दी फहुत अच ्छी फात है । इससे आदभी िे जीवन भें सॊमभ आ जाता है , दस ू यो िा उस ऩय स ्नेह होने रगता है औय उसिे ियोफाय भें उन ्ननत होती है ; जया-सी फात ऩय चाय ऩन ्ने िैसे सरखें ? जो फात एि वाि् म भें िही जा सिे, उसे चाय ऩन ्ने भें सरखने िी जरूयत? भैं तो इसे दहभाित सभझता हूॊ। मह तो सभम िी किपामत नही, फर ्कि उसिा दरू ु ऩमोग है कि व ्मथथ भें किसी फात िो ठूॊस ददमा। हभ चाहते है , आदभी िो जो िुछ िहना
हो, चटऩट िह दे औय अऩनी याह रे। भगय नही, आऩिो चाय ऩन ्ने यॊ गने ऩडेंगे, चाहे जैसे सरखखए औय ऩन ्ने बी ऩूये पुर ्सिेऩ आिाय िे। मह छात्रो ऩय अत ्माचाय नहीॊ तो औय ि् मा है ? अनथथ तो मह है कि िहा जाता है , सॊऺेऩ भें सरखो। सभम िी ऩाफन ्दी ऩय सॊऺेऩ
भें एि ननफन ्ध सरखो, जो चाय ऩन ्नो से िभ न हो। ठीि! सॊऺेऩ भें चाय ऩन ्ने हुए, नही शामद सौ-दो सौ ऩन ्ने सरखवाते। तेज बी दौडडए औय धीये -धीये बी। है उर ्टी फात मा नही? फारि बी इतनी-सी फात सभझ सिता है , रेकिन इन अध ्माऩिो िो इतनी तभीज बी नहीॊ। उस ऩय दावा है कि हभ अध ्माऩि है । भेये दयजे भें आओगे रारा, तो मे साये ऩाऩड फेरने ऩड़ेंगे औय तफ आटे -दार िा बाव भारूभ होगा।
इस दयजे भें अव ्वर आ गए हो, वो जभीन ऩय ऩाॊव नहीॊ यखते इससरए भेया िहना भाननए। राख पेर हो गमा हूॉ, रेकिन तभ ु से फड़ा हूॊ, सॊसाय िा भझ ु े तभ ु से ज ्मादा अनब ु व है । जो िुछ िहता हूॊ, उसे धगयह फाॊधधए नही ऩछताएॉगे। स ्िूर िा सभम ननिट था, नहीॊ
इश ्वय जाने, मह उऩदे श-भारा िफ सभाऩ ्त होती। बोजन आज भुझे ननस ्स ्वाद-सा
रग यहा था। जफ ऩास होने ऩय मह नतयस ्िाय हो यहा है , तो पेर हो जाने ऩय तो शामद प्राण ही रे सरए जाएॊ। बाई
साहफ ने अऩने दयजे िी ऩढाई िा जो बमॊिय धचत्र खीचा था; उसने भुझे बमबीत िय ददमा। िैसे स ्िूर छोडिय घय नही बागा, मही ताज ्जुफ है ; रेकिन इतने नतयस ्िाय ऩय बी ऩुस ्तिों भें भेयी अरूधच ज ्मो-कि-त ्मों फनी यही। खेर-िूद िा िोई अवसय हाथ से न जाने दे ता। ऩढता बी था, भगय फहुत िभ। फस, इतना कि योज िा टास ्ि ऩयू ा हो जाए औय दयजे भें जरीर न होना ऩडें। अऩने ऊऩय जो ववश ्वास ऩैदा हुआ था, वह कपय रुऩ ्त हो गमा औय कपय चोयो िा-सा जीवन िटने रगा।
कपय साराना इभ ्तहान हुआ, औय िुछ ऐसा सॊमोग हुआ कि भै ज पय ऩास हुआ औय बाई साहफ कपय पेर हो गए। भैंने फहुत भेहनत न िी ऩय न जाने, िैसे दयजे भें अव ्वर आ गमा। भुझे खद ु अचयज हुआ। बाई साहफ ने प्राणाॊति ऩरयश्रभ किमा था। िोसथ िा एि-एि शफ ्द चाट गमे थे; दस फजे यात ति इधय, चाय फजे बोय से उबय, छ: से साढे नौ ति
स ्िूर जाने िे ऩहरे। भुद्रा िाॊनतहीन हो गई थी, भगय फेचाये पेर हो गए। भुझे उन ऩय दमा आती थी। नतीजा सुनामा गमा, तो वह यो ऩड़े औय भैं बी योने रगा। अऩने ऩास होने वारी खश ु ी आधी हो गई। भैं बी पेर हो गमा होता, तो बाई साहफ िो इतना द:ु ख न होता, रेकिन ववधध िी फात िौन टारे? भेये औय बाई साहफ िे फीच भें अफ िेवर एि दयजे िा अन ्तय
औय यह गमा। भेये भन भें एि िुदटर बावना उदम
हुई कि िही बाई साहफ एि सार औय पेर हो जाएॉ, तो भै उनिे फयाफय हो जाऊॊ, ज पय वह किस आधाय ऩय भेयी पजीहत िय सिेगे, रेकिन भैंने इस िभीने ववचाय िो ददर से फरऩूवि थ ननिार डारा। आखखय वह भझ ु े भेये दहत िे
ववचाय से ही तो डाॊटते हैं। भुझे उस वि् त अवप्रम रगता है अवश ्म, भगय मह शामद उनिे उऩदे शों िा ही असय हो कि
भैं दनानद ऩास होता जाता हूॊ औय इतने अच ्छे नभ ्फयों से। अफिी बाई साहफ फहुत-िुछ नभथ ऩड़ गए थे। िई फाय भुझे डाॊटने िा अवसय ऩािय बी उन ्होंने धीयज से िाभ सरमा। शामद अफ वह खद ु
सभझने रगे थे कि भुझे डाॊटने िा अधधिाय उन ्हे नही यहा; मा यहा तो फहुत िभ। भेयी स ्वच ्छॊ दता बी फढी। भैं उनकि सदहष ्णुता िा अनुधचत राब उठाने रगा। भुझे िुछ ऐसी धायणा हुई कि भैं तो ऩास ही हो जाऊॊगा, ऩढू मा न ऩढूॊ भेयी तिदीय फरवान ् है ,
इससरए बाई साहफ िे डय से जो थोडा-फहुत फढ सरमा ियता था, वह बी फॊद हुआ। भझ ु े िनिौए उडाने िा नमा शौि ऩैदा हो गमा था औय अफ साया सभम ऩतॊगफाजी ही िी बें ट होता था, ज पय बी भैं बाई साहफ िा अदफ ियता था, औय उनिी नजय फचािय िनिौए उड़ाता था। भाॊझा दे ना, िन ्ने फाॊधना, ऩतॊग टूनाथभेंट िी तैमारयमाॊ आदद सभस ्माएॉ अफ गुऩ ्त रूऩ से हर िी जाती थीॊ। बाई साहफ िो मह सॊदेह न ियने दे ना चाहता था कि उनिा सभ ्भान औय सरहाज भेयी नजयो से िभ हो गमा है ।
एि ददन सॊध ्मा सभम होस ्टर से दयू भै एि िनिौआ रूटने फॊतहाशा दौडा जा यहा था। आॊखे आसभान िी ओय थीॊ
औय भन उस आिाशगाभी ऩधथि िी ओय, जो भॊद गनत से झभ ू ता ऩतन िी ओय चरा जा यहा था, भानो िोई आत ्भा स ्वगथ से ननिरिय ववयि् त भन से नए सॊस ्िाय ग्रहण ियने जा यही हो। फारिों िी एि ऩूयी सेना रग ्गे औय झड़दाय फाॊस सरमे उनिा स ्वागत ियने िो दौड़ी आ यही थी।
किसी िो अऩने आगे-ऩीछे
िी खफय न थी। सबी भानो उस
ऩतॊग िे साथ ही आिाश भें उड़ यहे थे, जह ॊ सफ िुछ सभतर है , न भोटयिाये है , न ट्राभ, न गाडडमाॉ। सहसा बाई साहफ से भेयी भुठबेड हो गई, जो शामद
फाजाय से रौट यहे थे। उन ्होने वही भेया हाथ ऩिड सरमा औय
उग्रबाव से फोरे-इन फाजायी रौंडो िे साथ धेरे िे िनिौए िे सरए दौड़ते तभ ु ्हें शभथ नही आती? तभ ु ्हें
इसिा बी िुछ
सरहाज नहीॊ कि अफ नीची जभात भें नहीॊ हो, फजलि आठवीॊ जभात भें आ गमे हो औय भुझसे िेवर एि दयजा नीचे हो। आखखय आदभी िो िुछ तो अऩनी ऩोजीशन िा ख्मार ियना चादहए। एि जभाना था कि कि रोग आठवाॊ दयजा ऩास ियिे नामफ तहसीरदाय हो जाते थे। भैं कितने
ही सभडरधचमों िो जानता हूॊ, जो आज अव ्वर दयजे िे डडऩ ्टी भजजस ्ट्रे ट मा सुऩरयटें डेंट है । कितने ही आठवी जभाअत वारे हभाये रीडय औय सभाचाय-ऩत्रो िे सभ ्ऩादि है । फडें-फडें
ववद्धान उनिी भातहती भें िाभ ियते है औय तभ ु उसी आठवें दयजे भें आिय फाजायी रौंडों िे साथ िनिौए िे सरए दौड़ यहे हो। भुझे तुभ ्हायी इस िभअिरी ऩय द:ु ख होता है । तुभ जहीन हो,
इसभें शि नही: रेकिन वह जेहन किस
िाभ िा, जो हभाये आत ्भगौयव िी हत ्मा िय डारे? तुभ अऩने ददन भें सभझते होगे, भैं बाई
साहफ से भहज
एि
दजाथ नीचे हूॊ औय अफ उन ्हे भुझिो िुछ िहने िा हि नही है ; रेकिन मह तुभ ्हायी गरती है । भैं तुभसे ऩाॊच सार फडा हूॊ औय चाहे आज तभ ु भेयी ही जभाअत भें आ जाओ–औय ऩयीऺिों िा मही हार है , तो ननस ्सॊदेह अगरे सार तुभ भेये
सभिऺ हो जाओगे औय शामद एि सार फाद तभ ु भझ ु से आगे ननिर जाओ-रेकिन भझ ु भें औय जो ऩाॊच सार िा अन ्तय है , उसे तुभ ि् मा, खद ु ा बी नही सभटा सिता। भैं तुभसे ऩाॊच सार फडा हूॊ औय हभेशा यहूॊगा। भुझे दनु नमा िा औय जजन ्दगी िा जो तजयफा है , तुभ उसिी फयाफयी नहीॊ िय सिते, चाहे तुभ एभ. ए., डी. कपर. औय डी. सरट. ही ि् मो
न हो जाओ। सभझ
किताफें ऩढने से नहीॊ आती है । हभायी अभ ्भा ने िोई
दयजा ऩास नही किमा, औय दादा बी शामद
ऩाॊचवी जभाअत िे आगे नही गमे, रेकिन हभ दोनो चाहे सायी दनु नमा िी ववधा ऩढ रे, अभ ्भा औय दादा िो हभें सभझाने
औय सुधायने िा अधधिाय हभेशा यहे गा। िेवर इससरए नही कि वे हभाये जन ्भदाता है , फजलि इससरए कि उन ्हे दनु नमा िा हभसे ज ्मादा जतयफा है औय यहे गा। अभेरयिा भें किस जयह कि याज ्म-व ्मवस ्था है औय आठवे हे नयी ने कितने वववाह किमे औय आिाश भें कितने नऺत्र है , मह फाते चाहे उन ्हे न भारूभ हो, रेकिन हजायों ऐसी आते है , जजनिा ऻान हभसे औय तभ ु से ज ्मादा है ।
उन ्हे
दै व न ियें , आज भैं फीभाय हो आऊॊ, तो तुभ ्हाये हाथ-ऩाॊव पूर जाएगें । दादा िो ताय दे ने िे ससवा तुभ ्हे औय िुछ न सूझेंगा; रेकिन तुभ ्हायी जगह ऩय दादा हो, तो किसी िो ताय न दें , न घफयाएॊ, न फदहवास हों। ऩहरे खद ु भयज
ऩहचानिय इराज ियें गे, उसभें सपर न हुए, तो किसी डाॊि्टय िो फुरामेगें। फीभायी तो खैय फडी चीज है । हभ-तुभ तो इतना बी नही जानते कि भहीने-बय िा भहीने-बय िैसे चरे। जो िुछ दादा बेजते है , उसे हभ फीस-फाईस ति खथच िय डारते है औय ऩैसे-ऩैसे िो भोहताज हो जाते है । नाश ्ता फॊद हो जाता है , धोफी औय नाई से भॊह ु चयु ाने रगते है ; रेकिन
जजतना आज हभ औय तुभ खथच िय यहे है , उसिे आधे भें दादा ने अऩनी उम्र िा फडा बाग इज ्जत औय नेिनाभी िे
साथ ननबामा है औय एि िुटुभ ्फ िा ऩारन किमा है , जजसभे सफ सभरािय नौ आदभी थे। अऩने हे डभास ्टय साहफ ही िो दे खो। एभ. ए. हैं कि नही, औय महा िे एभ. ए. इॊतजाभ
नही, आि् मपोडथ िे। एि हजाय रूऩमे ऩाते है , रेकिन उनिे घय
िौन ियता है ? उनिी फूढी भाॊ। हे डभास ्टय साहफ िी डडग्री महाॊ फेिाय हो गई। ऩहरे
खद ु घय िा इॊतजाभ
ियते थे। खचथ ऩयू ा न ऩड़ता था। ियजदाय यहते थे। जफ से उनिी भाताजी ने प्रफॊध अऩने हाथ भे रे सरमा है , जैसे घय भें रऺ्भी आ गई है । तो बाईजान, मह जरूय ददर से ननिार डारो कि तुभ भेये सभीऩ आ गमे हो औय अफ स ्वतॊत्र हो। भेये दे खते तुभ फेयाह नही चर ऩाओगे। अगय तुभ मों न भानोगे, तो भैं (थऩ ्ऩड ददखािय) इसिा प्रमोग बी िय सिता हूॊ। भैं जानता हूॊ, तुभ ्हें भेयी फातें जहय रग यही है । भैं उनिी इस नई मुि्नत से नतभस ्ति हो गमा। भुझे आज सचभुच अऩनी रघुता िा अनुबव हुआ औय बाई साहफ िे प्रनत भेये तभ भें श्रद्धा उत ्ऩन ्न हुईं। भैंने सजर आॊखों से िहा-हयधगज नही। आऩ जो िुछ पयभा यहे है , वह बफरिुर सच है औय आऩिो िहने िा अधधिाय है ।
बाई साहफ ने भुझे गरे रगा सरमा औय फार-िनिाए उड़ान िो भना नहीॊ ियता। भेया जी बी ररचाता है , रेकिन क्मा िरूॉ, खद ु फेयाह चरूॊ तो तुम्हायी यऺा िैसे िरूॉ? मह िर्त्थव्म बी तो भेये ससय ऩय है ।
सॊमोग से उसी वक्त एि िटा हुआ िनिौआ हभाये ऊऩय से गुजया। उसिी डोय रटि यही थी। रड़िों िा एि गोर ऩीछे -ऩीछे दौड़ा चरा आता था। बाई साहफ रॊफे हैं ही, उछरिय उसिी डोय ऩिड़ री औय फेतहाशा होटर िी तयप दौड़े। भैं ऩीछे -ऩीछे दौड़ यहा था। _______________________________________________________________ " बड़े भाई साहब - प्ऱेमचंद " _______________________________________________________________ Editing and Uploading by: मयंक सक्सैना (Mayank Saxena)
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